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जो मित्र अपने मित्र की पिटाई होते देख घर की तरफ भाग जाए उसे गद्दार नहीं समझना चाहिए.. हो सकता है वो कट्टा लेने के लिए भगा हो!! – चाणक्य के मौसेरे भाई